New survey of BJP finds 240 seats for party itself. Confidant by new result party Prime ministerial candidate now days taking media in direct mode giving answers for his new role in Delhi. Read my analysis on new portal DELHI VAARTA.
पार्टी के सर्वे में सामने आए अब तक के सबसे अधिक आंकड़े दिवा ब्यूरो, नई दिल्ली
सर्वों के आंकड़ों मेें लगातार का ऊपर का ग्राफ बनाए हुए भाजपा ने अब तक के सबसे अधिक आंकड़ों को छू लिया है। पार्टी के द्वारा करवाए गए एक सर्वे करने वाली एजेंसी ने भाजपा को 240 सीटों पर विजय दिखाई है। इस परिणाम में एरर मार्जिन दो से तीन प्रतिशत है।हालांकि अभी पिछले दिनों एनडीटीवी व हंसा द्वारा करवाए गए सर्वे में भी भाजपा को अकेले 225 सीटों से अधिक सीटे मिलती दिखाई जा चुकी हैं।
RSS has chalked out a well plan strategy to grab power center at New Delhi. MODI anointment is part of that well thought plan. Analysis tried to ponder critical issues involved in this plan . To read further please log on the link given below.
अपने मिशन को मोदी के बहाने पूरा करने में जुटा है संघ
दिवा बयूरो, नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में संघ का गेम प्लान क्या है। सबकी नजर इसी पर टिका है। 272 प्लस के पीछे संघ ने एक खास रणनीति अपनाई है। इस रणनीति के तहत ही संध ने नरेंद्र मोदी के ‘मिशन 272′ को पूरा करने के लिए आरएसएस ने पूरी ताकत लगा दी हैै। अगले चरण के तहत अब जबकि देश में मतदान का दौर शुरु हो गया है तो संघ के कार्यकर्ता देशभर में फैल गए हैं जिनका टारगेट है हर होल में ‘बूथ जीतो’।
जानकारों के मुताबिक “वैसे तो आरएसएस का दावा रहता है कि उसके पास सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में इतने काम हैं कि प्रचार कों और कार्यकर्ताओं को सांस तक लेने की फुरसत नहीं मिलती। पूरे साल के लिए सब के कार्यक्रम तय होते हैं। लेकिन इन कार्यकर्ताओं के लिए अब सब कुछ थम-सा गया है, क्योंकि इन्हें मिल गया है नया टारगेट। ये टारगेट है बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के मिशन 272को पूरा करना।”.........
सभी प्रमुख पुराने दलों के बीच शीर्ष स्तरों पर है आपसी तालमेल
दिवा ब्यूरो ,नई दिल्ली। आखिर वहीं हुआ जिसका अंदेशा पहले से ही था। बनारस में कांग्रेस ने अजय राय को उम्मीदवार ऐलान कर दिया। इस घोषणा में ऐसी कोई हैरान होने वाली बात नहीं थी , जिसका ढिंढोरा कांग्रेस लगातार एक महीने से पिट रही थी। यह तो वही हाल हुआ कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। दरअसल चुहिया की सच्चाई की कहानी कुछ और ही है। बनारस ही नहीं पूरे यूपी में सभी प्रमुख दलों के बीच आपसी सहमति इस कदर बनी है कि तुमको हम न हराएंगे, तुम हमको न हराओ। यानी न तुम हारे न हम जीते। हां अगर अपवाद है तो राजनीति में नई आयी पार्टी “ आप ” जिसने अपने विपक्षियों के खिलाफ अपने दिग्गज उम्मीदवारों को उतारा है।
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आप के कुमार विश्वास के बाद अब भाजपा उपाध्यक्ष स्मृति ईरानी राहुल के मुकाबले
नई दिल्ली
कांग्रेस प्रथम परिवार के लिए हमेशा से सुरक्षित गढ़ के रूप में देखा जाने वाला संसदीय क्षेत्र अमेठी कहीं 2014 के चुनावों में गले की फांस न बन जाए। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 2004 और उसके बाद 2009 के लोकसभा चुनावों में वहां अपनी जीत का परचम अच्छे अंतर से दर्ज कराया था। कांग्रेस के तमाम प्रवक्ता इस बार भी वहां के वोटरों से इसी तरह की जीत की उम्मीद राहुल गांधी के लिए कर रहे हैं। परंतु वहां की जमीनी हकीकत और दिल्ली से देखी जाने वाली तस्वीर में काफी अंतर है।
पहले ही आम आदमी पार्टी ने अपना एक कद्दावर नेता उनके खिलाफ अमेठी में भेज दिया है जो 150 किलोमीटर क्षेत्र में फैले चुनावी क्षेत्र में पिछले चार महीने से डेरा डाले हुए है। अबकी बार दिल्ली में सत्ता में पहुंच का दावा करने वाली भाजपा ने भी अपना टीवी का एक लोकप्रिय सास बहु वाला चेहरा मैदान में उतार दिया है। गुजरात से राज्य सभा सांसद स्मति ईरानी हालांकि इससे पूर्व भी दिल्ली में कांग्रेसी दिग्गज कपिल सिब्बल के सामने हाथ अजमा चुकी हैं पर तब वो राजनीति में नई-नई आयीं थी और अब वो राजनीति की एक मंजी खिलाड़ी बन गई हैं। एक अच्छी प्रवक्ता के रूप में वो टीवी चैनलो में पार्टी की ओर से राजनीति के मंजे विरोधियों से टक्कर लेती हैं। सबसे महत्वपूर्ण अपनी बात या पार्टी का पक्ष रखने में वो कंजूसी नहीं करतीं।